Monday, February 27, 2017

आभार

तु हळुवार धरलास हात
दिलिस पडत्याला साथ
तु दयेचा सागर
तु मायेचा आगर
तहांनलेल्या जिवाला तु भरलेली घागर


मुक्या ओठीचे तु शब्द
भटकलेल्या जिवाचा तुच की प्रारब्ध
तुझ्यात देव दिसतो
न्हवत्याचा मि होता होतो
दगड़ाला पाझर फूटतो
तुझीच लीला

पंछी की उड़ान

 पंछी की उड़ान एक नन्हा तालाब का पंछी सुनता गरूड़ो की कहानियाँ,  उसे बहुत पसंद आती  पहाड़ों की ऊंचाइयाँ। फिर उसने देखा एक ख्वाब और दिल में इ...