Friday, January 27, 2012

Marathi Poem - फळ




एकदा एक माणुस झाडावर चढला
आंबा तोडताना खाली पडला

म्हनुणच म्हणतो 
माणसाने नसत्या फंदात पडू नये
आणि हाताला येणारे फळ कधिच तोडु नये

पंछी की उड़ान

 पंछी की उड़ान एक नन्हा तालाब का पंछी सुनता गरूड़ो की कहानियाँ,  उसे बहुत पसंद आती  पहाड़ों की ऊंचाइयाँ। फिर उसने देखा एक ख्वाब और दिल में इ...