Friday, March 31, 2017

स्वभाव

माझा वेगळा त्याचा वेगळा
प्रत्येकाचा आगळा वेगळा
कुणि बोलका कुणि चिड़का
कुणि रडका तर कुणि दोडका
स्वभावाला औषध नाहि
आज पेड़ा उद्या मिर्ची तर पर्वा सोडा
असा समजतो इतराना थोड़ा थोड़ा
कधि गुणि कधि चावट कधि वात्रट तर
कधि बावळटही आसतो वेड़ा
कधि शुर कधि भीत्रा कधि गंभीर कधि अल्लड तर कधि भोळाच आसतो बापुडा
शेवटी ज्याचा त्याचा स्वभाव ज्या त्या वेळी ज्याला त्याला जसा हवा तस्साच भासतो

Monday, March 20, 2017

शपथ

दुनिया चाहे नफरत फैलाए
दुनिया चाहे जितना रूलाए
अब हार नही माननी है
बरसो दर्द झेले ईस दिल ने
खुशी बाटने की ठाणी है


चाहे कफण ना दे पाऊ
पर मरने से पहले मुस्कुराहट देणी ठाणी है
बरसो रोये अब ईस दिल ने
खुशी बाटने की ठाणी है


डर मे सहमे हर एक को
धिरज देनी ठाणी है
आग लगे हर दिल मे
शितलता बरसाणी है



पंछी की उड़ान

 पंछी की उड़ान एक नन्हा तालाब का पंछी सुनता गरूड़ो की कहानियाँ,  उसे बहुत पसंद आती  पहाड़ों की ऊंचाइयाँ। फिर उसने देखा एक ख्वाब और दिल में इ...