Monday, September 12, 2022

Hindi poem - पैगाम

लगाकर देखो पहरा यादों पे 
चला दो हल किये इरादोपे 
बारिश में भीगी मिट्टी मेहकर सहेगी 
और हवाए हर दिशा खुशबू का पैगाम बहायेंगी
 
 
 

 

पंछी की उड़ान

 पंछी की उड़ान एक नन्हा तालाब का पंछी सुनता गरूड़ो की कहानियाँ,  उसे बहुत पसंद आती  पहाड़ों की ऊंचाइयाँ। फिर उसने देखा एक ख्वाब और दिल में इ...