जिंदगी
आज फिर हुआ सामना जिंदगी से
हस कर वो बोली
अब तो बदल जा पगले
तू कब मुझसे मिलता है
मुझे सवारने के लिये
दिनभर भागता हैं
थककर देर से देर तक सोता हैं
पगले तू कब मुझसे मिलता हैं
दिन भर खयालो मैं खोता हैं
किसी न मिलने वाली चीज के लिए रोता हैं
मन को मारकर हँसता हैं
पगले तू कब मुझे जीता है
बोली अब तो सुधर जा
एक दिन मैं छोड़ कर चली जाउंगी
साथ तुझे भी ले जाउंगी
फिर क्या पायेगा और क्या खोयेगा
आज फिर हुआ सामना जिंदगी से
हस कर वो बोली
अब तो बदल जा पगले
तू कब मुझसे मिलता है
मुझे सवारने के लिये
दिनभर भागता हैं
थककर देर से देर तक सोता हैं
पगले तू कब मुझसे मिलता हैं
दिन भर खयालो मैं खोता हैं
किसी न मिलने वाली चीज के लिए रोता हैं
मन को मारकर हँसता हैं
पगले तू कब मुझे जीता है
बोली अब तो सुधर जा
एक दिन मैं छोड़ कर चली जाउंगी
साथ तुझे भी ले जाउंगी
फिर क्या पायेगा और क्या खोयेगा