Saturday, July 27, 2013

Hindi Poem: उम्मीद

उम्मीद:

इस कदर इरादोने भरली हैं हिम्मत
वक्तकी  करवट बदलने लगी हैं 

मरने का इरादा ढलने लगा हैं
जीने की ख्वाइश उगने लगी हैं

आसमाँ में बादल छाने लगे हैं
कलियोंके फुल अब खिलने लगे हैं

उनकी खुशबू हवाओमे घुलने लगेगी
सासे भी रूककर महकने लगेंगी

आस हैं दिल में गरजकर बिजली चमकेगी
फिर खुशियोंकी जमकर बारिश भी होगी


उम्मीद की किरण रोशन हुई हैं
दुःख का अँधेरा मिटने लगेगा 

पंछी की उड़ान

 पंछी की उड़ान एक नन्हा तालाब का पंछी सुनता गरूड़ो की कहानियाँ,  उसे बहुत पसंद आती  पहाड़ों की ऊंचाइयाँ। फिर उसने देखा एक ख्वाब और दिल में इ...