Monday, December 29, 2014

Hindi Poem - नया साल

Feelings about New year. Time is as it is. Its we who are counting it. Traveling with it till our journy. Collecting painful and cherishing moments from it.

 

समय तो वही हैं 

वो कब बदलता हैं 

भागने की इस होड़ मैं 

हम माइलस्टोन रच रहे हैं । 

  

साल पे साल जा रहा हैं 

और नया साल आ रहा हैं 

कुछ खट्टी मीठी यादे छोड़ रहा हैं 

नयी ख्वाईशें पिरो रहा हैं । 

 

कुछ दोस्त यादो मैं बसा रहा हैं 

और कुछ नए जोड़ रहा हैं 

सफर मैं गम और खुशिया बटोर रहा हैं 

हर बार इक नए मोड़ पे लाकर छोड़ रहा हैं ।

Monday, December 22, 2014

Marathi Poem:- गुढ

शब्द गुढ

भाव गुढ

डोळ्यांच्या किना-यावर अश्रू आरूढ 

 

मिळेना वाट 

फुटेना पाट 

हृदयाचे रांजण भरले काठोकाठ 

 

कसा चढावा डोंगर 

कसे कापावे अंतर 

मनी पेटले काहूर 

 

पणतीचा प्रकाश 

झेपन्या आकाश 

कसा करावा वनवा 

रान सारे ओले


Wednesday, December 17, 2014

Hindi Poem-सवाल

दरिंदगी की हदें पार कर 

न जाने कहा जा रहे हो ?


खेल खून का खेलकर 

न जाने क्या जीत रहे हो ?


लाशो के ढेर गिराकर 

न जाने क्या दिखा रहे हो ?


हैवानियत के इस कारनामो पे 

किससे इनाम पा रहे हो ?


किताबे पढने की जगहों पे 

गोलिया बरसा  रहे हो 

नन्हे बच्चो पर भी 

कहर ढा रहे हो । 


इंसानियत के इस कत्ल पे 

हरगिज चुप न रहे हम

देश धर्म हो कोई भी 

मासूमो की याद मे 

अपने दिल में शांति के बीज बोये हम

 



पंछी की उड़ान

 पंछी की उड़ान एक नन्हा तालाब का पंछी सुनता गरूड़ो की कहानियाँ,  उसे बहुत पसंद आती  पहाड़ों की ऊंचाइयाँ। फिर उसने देखा एक ख्वाब और दिल में इ...