हाल इस दिल का ये क्या कर दिया
तुम्हारे साथ ने वफादार कर दिया
तुम्हारी मुस्कराहट ने कर्जदार कर दिया
दोराहे पे खड़ा हैं अब ये
खुद को भूल बैठा है अब ये
तैरना आता हैं हमें फिर भी
डुब जाने को दिल करता हैं
अमावस की रात में भी
चाँद पूरा नजर आता हैं
तावीज बन गए हो
हर गम डर जाता हैं