Tuesday, March 19, 2013

Marathi Poem-विरह

विरह :-
तुझ्याविन दिन
भेटण्याचा ध्यास
प्राणाविन श्वास
सर्वस्व तु

तुझीग सावली 
परतुनी गेली 
आगहि लागली 
धग आता

(काव्य प्रकार - सुधाकरी )

पंछी की उड़ान

 पंछी की उड़ान एक नन्हा तालाब का पंछी सुनता गरूड़ो की कहानियाँ,  उसे बहुत पसंद आती  पहाड़ों की ऊंचाइयाँ। फिर उसने देखा एक ख्वाब और दिल में इ...